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Showing posts from January, 2019

कड़ाके की सर्दी की चपेट में राजस्थान, फतेहपुर में लगातार दूसरे दिन पारा -3.6 डिग्री

प्रदेश में  सर्दी के तीखे तेवर  कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. गत करीब तीन-चार दिन से चल रही शीतलहर के कारण प्रदेश  कड़ाके की सर्दी  की चपेट में है. मंगलवार को भी प्रदेश के कई इलाकों में पारा शून्य से नीचे या फिर शून्य पर जमा रहा. शेखावाटी के फतेहपुर कस्बे में जहां तापमापी  पारा -3.6 डिग्री  दर्ज किया गया, वहीं प्रदेश के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में शून्य पर रहा. प्रदेश में सर्दी का सबसे ज्यादा असर शेखावाटी इलाके में है. सीकर जिले के फतेहपुर शेखावाटी में पारा लगातार दूसरे दिन जमाव बिंदू से नीचे टिका रहा. फतेहपुर में मंगलवार को न्यूनतम तापमान -3.6 डिग्री दर्ज किया गया. लगातार पड़ रही तेज सर्दी के कारण यहां लोगों की दिनचर्या भी खासी प्रभावित हो रही है. खेतों में फसलों में दिया गया पानी भी बर्फ में बदल रहा है.  माउंट आबू में पारा चौथे दिन भी जमाव बिंदु पर  हिल स्टेशन माउंट आबू में भी सर्दी का कहर लगातार जारी है. यहां मंगलवार को चौथे दिन भी पारा जमाव बिंदु पर रहा. इसके कारण सड़कों पर आवागमन काफी कम रहा. लोग घरों में दुबके रहे. वहीं पर्यटक भी...

कांग्रेस सरकार ने BJP को दिया बड़ा झटका, जमीन आवंटन के खिलाफ शुरू की जांच, पढ़ें- कहां कितनी जमीन

राजस्थान की पिछली  बीजेपी सरकार   में जिलों में बीजेपी दफ्तरों के लिए जमीनों के आवंटनों की गहलोत सरकार ने जांच के फैसले के बाद सरकार ने इन आवंटनों की जांच शुरू कर दी है. बीजेपी राज के दौरान पिछले साल 25 जिलों में बीजेपी के दफ्तरों के लिए जमीन आवंटन हुए थे. बीजेपी राज के आखिरी छह माह के फैसलों की समीक्षा के लिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी ने जांच शुरू कर दी है. सब कमेटी ने बीजेपी दफ्तरों को आवंटित जमीनों की जिलों से रिपोर्ट मांगी है.   कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष शांति धारीवाल ने कहा है कि बीजेपी दफ्तरों के जमीन आवंटनों की जांच हो रही है, कई जगह आवासीय इलाकों में आवंटन कर दिए, कई जगह ऐसी जगह जमीन दी जहां आवंटन हो ही नहीं सकता था. धारीवाल ने जांच के बाद गलत आवंटनों को निरस्त करने की बात कही है.   बीजेपी दफ्तरों के लिए जमीन आवंटनों पर विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने निशाना साधा था, और सरकार में आने पर जांच करवाने की बात कही थी. अब बीजेपी दफ्तरों को आवंटित जमीन कांग्रेस सरकार के राडार पर हैं. इन आवंटनों में कई जिल...

अयोध्‍या मामला: मोदी सरकार के इस स्टैंड के बाद सिर्फ 0.313 एकड़ जमीन पर अटक गया पूरा केस

अयोध्या विवाद  को लेकर मोदी सरकार बड़ा दांव चलते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. सरकार ने रिट पिटीशन दायर कर विवादित जमीन को छोड़कर बाकी जमीन यथास्थिति हटाने की मांग की है. उन्होंने इसे रामजन्म भूमि न्यास को लौटाने को कहा है. सरकार ने कोर्ट से कहा है कि विवाद सिर्फ 0.313 एकड़ जमीन पर ही है. बाकी जमीन पर कोई विवाद नहीं है, लिहाजा इस पर यथास्थिति बरकरार रखने की जरूरत नहीं है. बता दें सुप्रीम कोर्ट ने  विवादित जमीन  सहित 67 एकड़ जमीन पर यथास्थिति बनाने को कहा था. लेकिन, केंद्र के इस स्टैंड के बाद अयोध्या में विवादित स्थल का मामला सिर्फ 0.313 एकड़ भूमि तक ही अटक कर रह गया है. बाबरी मस्जिद के पक्षकार का बड़ा बयान-राम विरोधी नहीं है देश का मुसलमान दरअसल, 1993 में केंद्र सरकार ने अयोध्या अधिग्रहण एक्ट के तहत विवादित स्थल समेत आस-पास की करीब 67 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था. सुप्रीम कोर्ट ने इसी पर यथास्थिति बनाए रखने की बात कही थी. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच मंगलवार को सुनवाई करने वाली थी, लेकिन जस्टिस एसए बोबडे के छुट्टी पर जाने के कारण सुनवाई टल गई. सुप्रीम कोर्ट मे...

EVM विवाद: जब बैलेट पेपर भी हो गए थे 'हैक' और सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला

हाल ही में  इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम)  पर लगे  हैकिंग के आरोपों के बीच फिर से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की प्रक्रिया को वापस लाने की मांग तेज हो गई है. हालांकि, अगर हम भारत में चुनावों के इतिहास के पन्ने पलटें, तो पता चलता है कि बैलट पेपर पर भी हैक होने के आरोप लगते रहे हैं. इसकी हैकिंग से जुड़े केस हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी लड़े गए हैं. इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की पांचवी जनरल रिपोर्ट (1971-72) के मुताबिक 20 मार्च, 1971 को ब्लिट्ज टेब्लॉयड के बॉम्बे (अब मुंबई) एडिशन में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, जिसमें दावा किया गया था कि बैलेट पेपर पर केमिकल का इस्तेमाल करके चुनाव को प्रभावित किया गया है. इतना ही नहीं अख़बार में इसकी पूरी प्रक्रिया का ब्योरा भी दिया गया था. इस थ्योरी के हिसाब से 518 में से 200 से 250 सीटों पर चुनाव में जाने वाले कुल लोगों में से कुछ परसेंट बैलेट पेपर को पहले से ही केमिकल का इस्तेमाल किया गया. एक न दिखाई देने वाली स्याही से उस पर पहले से ही मुहर लगा दी गई थी. जो मुहर लगाए जाने का दावा किया गया था, उसमें गाय और बछड़ा बना हुआ था, ये ग...

इन वजहों से राष्ट्रीय पल्स पोलियो कार्यक्रम को किया गया रद्द

सरकार ने 3 फरवरी को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय पल्स पोलियो कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. ऐसा इसलिए किया गया है कि क्योंकि कुछ महीने पहले पोलियो वैक्सीन में पोलियो वायरस मिलने का मामला सामने आया था. राष्ट्रीय पल्स पोलियो कार्यक्रम को रद्द करने को लेकर राज्यों को एक चट्ठी लिखी गई है जिसमें कहा गया है-  '3 फरवरी को होने वाले इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है और जल्द ही नए कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी'. कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय पल्स पोलियो कार्यक्रम को रद्द करने के पीछे कई वजह हैं. कुछ महीने पहले बच्चों को पोलियो न हो, इसके लिए दी जाने वाली वैक्सीन में पी-2 वायरस पाया गया था. इसके बाद कड़े जांच मापदंडों के चलते वैक्सीन की सप्लाई में कमी आ गई. सूत्रों के मुताबिक कीमतों में भी भारी इज़ाफा हो गया. इसके बाद सरकार ने 'गावी' का रुख किया. ये वो अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो पोलियो से लड़ने के लिए गरीब देशों की मदद करती है. भारत को मार्च 2014 में पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया था. पोलियो का आखिरी मामला 13 जनवरी 2011 में मिला था. इसके बाद लगातार तीनों तरह के पोलियो वायरस पर ...

बागी विष्णु लाटा बने जयपुर मेयर, 63 पार्षद होते हुए भी BJP के मनोज भारद्वाज हारे

राजस्थान के विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी को जयपुर मेयर के चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. राजधानी जयपुर में मंगलवार को मेयर के लिए हुए चुनाव में 91 में से 63 पार्षद होते हुए भी बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी और उप महापौर मनोज भारद्वाज जीत नहीं पाए और बागी विष्णु लाटा 45 वोटों के साथ विजयी रहे. लोकसभा चुनाव से पहले जयपुर शहर में पार्टी के बीच बगावती तेवर बीजेपी के लिए घातक साबित हो सकते हैं. बता दें कि जयपुर नगर निगम के  मेयर पद  के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी में बगावत की खबरों के बीच पार्टी ने मंगलवार को उप महापौर मनोज भारद्वाज को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था. भारद्वाज के सामने पार्टी के ही पार्षद विष्णु लाटा ने बगावत करते हुए नामांकन दाखिल किया था. बता दें कि बीजेपी के बोर्ड वाले नगर निगम में पहले अशोक लाहोटी मेयर थे. लाहोटी के हाल ही में सांगानेर से विधायक चुने जाने के बाद मेयर पद खाली हुआ था. उनके इस्तीफे के बाद बीजेपी ने मेयर पद के लिए  उप महापौर मनोज भारद्वाज  के नाम पर मुहर लगाई थी, लेकिन मेयर पद के लिए बी...

बागी विष्णु लाटा बने जयपुर मेयर, 63 पार्षद होते हुए भी BJP के मनोज भारद्वाज हारे

राजस्थान के विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी को जयपुर मेयर के चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. राजधानी जयपुर में मंगलवार को मेयर के लिए हुए चुनाव में 91 में से 63 पार्षद होते हुए भी बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी और उप महापौर मनोज भारद्वाज जीत नहीं पाए और बागी विष्णु लाटा 45 वोटों के साथ विजयी रहे. लोकसभा चुनाव से पहले जयपुर शहर में पार्टी के बीच बगावती तेवर बीजेपी के लिए घातक साबित हो सकते हैं. बता दें कि जयपुर नगर निगम के  मेयर पद  के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी में बगावत की खबरों के बीच पार्टी ने मंगलवार को उप महापौर मनोज भारद्वाज को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था. भारद्वाज के सामने पार्टी के ही पार्षद विष्णु लाटा ने बगावत करते हुए नामांकन दाखिल किया था. बता दें कि बीजेपी के बोर्ड वाले नगर निगम में पहले अशोक लाहोटी मेयर थे. लाहोटी के हाल ही में सांगानेर से विधायक चुने जाने के बाद मेयर पद खाली हुआ था. उनके इस्तीफे के बाद बीजेपी ने मेयर पद के लिए  उप महापौर मनोज भारद्वाज  के नाम पर मुहर लगाई थी, लेकिन मेयर पद के लिए बी...

पापा का सपना पूरा करने की जिद में बीकानेर की बेटी ने जीत लिए सात 'गोल्ड मेडल'

अपने पापा की मौत के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने जिद में  एक बेटी ने सात स्वर्ण पदक  जीत लिए. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी आश्चर्यचकित हो गए जब 22 स्वर्ण पदकों में से 7 स्वर्ण पदक एक ही बेटी ने जीत लिए.  राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह  में अपने पापा के सपने को पूरा करने वाली दो ​बेटियों पर हर किसी की निगाह टिकी थी. दोनों के गले में लटक रहे स्वर्ण पदक 'बेटियां पापा की परी होती है' की कहावत को चरितार्थ कर रहे थे. राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह में रविवार को 22 स्वर्ण पदक वितरित किए गए. इसमें से  19 स्वर्ण पदकों पर बेटियों ने कब्जा जमाया  है. लेकिन दो बेटियों की कहानी यहां हर किसी के लिए खास थी. इन दोनों बेटियों ने अपने पापा की मौत के बाद उनके सपने को पूरा करने ऐसा प्रण लिया कि हर कोई यह करने को मजबूर हो गया कि वाकई में बेटियां बेटों से कम नहीं होती है. सिविल सर्विसेज में जाना चा​हती है मूलत: बीकानेर जिले की रहने वाली सोनाली खत्री हालांकि सिविल सर्विसेज में जाना चा​हती ...

शराब पर गहलोत सरकार की सख्ती, रात 8 बजे बेची तो होगा लाइसेंस निरस्त

जयपुर। रात 8 बजे बाद शराब की बिक्री व कीमत से अधिक वसूली पर दुकान के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि राज्य में ‘मद्य संयम’ की नीति को सशक्त बनाने एवं इसे प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने पुलिस एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों से कहा कि यदि शराब की कोई दुकान रात्रि 8 बजे बाद खुली पाई जाए तो पेनल्टी लगाने, दुकान सील करने और लाइसेंस निरस्त करने जैसी कड़ी कार्रवाई की जाए। गहलोत ने कहा कि वर्ष 2008 में ‘मद्य संयम’ को प्रोत्साहित करने के लिए हमारी सरकार ने रात्रि 8 बजे बाद शराब की बिक्री पर रोक लगाई थी जिसका आमजन में सकारात्मक संदेश गया था। गहलोत ने कहा कि पूर्व विधायक स्व. गुरूशरण छाबड़ा के शराब के सेवन को हतोत्साहित करने के प्रयासों का हमने समर्थन किया था। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्व. छाबड़ा के साथ हुए समझौते की पालना सुनिश्चित की जाए। इसके लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव...

आर्थ‍िक आरक्षण बिल राज्‍यसभा में भी हुआ पास

  सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण  देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गई. राज्यसभा ने करीब 10 घंटे तक चली बैठक के बाद संविधान (124 वां संशोधन), 2019 विधेयक को सात के मुकाबले 165 मतों से मंजूरी दे दी. इससे पहले सदन ने विपक्ष द्वारा लाए गए संशोधनों को मत विभाजन के बाद नामंजूर कर दिया. लोकसभा ने इस विधेयक को कल ही मंजूरी दी थी जहां मतदान में तीन सदस्यों ने इसके विरोध में मत दिया था. उच्च सदन में विपक्ष सहित लगभग सभी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया. कुछ विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लोकसभा चुनाव से कुछ पहले लाये जाने को लेकर सरकार की मंशा तथा इस विधेयक के न्यायिक समीक्षा में टिक पाने को लेकर आशंका जतायी। हालांकि सरकार ने दावा किया कि कानून बनने के बाद यह न्यायिक समीक्षा की अग्निपरीक्षा में भी खरा उतरेगा क्योंकि इसे संविधान संशोधन के जरिये लाया गया है. आरक्षण संशोधन विधेयक: जब चर्चा के बीच उपसभापति बोले, 'डिनर का प्रबंध है या रिफ्रेशमेंट का' केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिका...

सवर्णो को 10 प्रतिशत आरक्षण मोदी सरकार का साहसिक फैसला

मोदी कैबिनेट ने जनरल कैटेगरी (सामान्य श्रेणी) में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस फैसले को गेमचेंजर माना जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार इसे ऐतिहासिक फैसला बता रहे हैं तो दूसरी तरफ विपक्षी दल चुनाव से ठीक पहले लिए गए इस निर्णय को पॉलिटिकल स्टंट करार दे रहे हैं. हालांकि, इस सबके बीच बीजेपी समेत सभी सियासी दलों की असली परीक्षा मंगलवार को संसद में उस वक्त होगी, जब मोदी सरकार आरक्षण संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पेश करेगी. इस बीच राज्यसभा की कार्यवाही एक और दिन के लिए बढ़ा दी गई है यानी अब राज्यसभा बुधवार तक चलेगी. दरअसल, मौजूदा व्यवस्था के तहत सामान्य वर्ग को आरक्षण हासिल नहीं है. लंबे समय से ये मांग की जाती रही है कि आर्थिक तंगी के आधार पर कोटा निर्धारित किया जाए. आखिरकार सोमवार को मोदी कैबिनेट ने इस दिशा में 10 फीसदी आरक्षण देने का बड़ा निर्णय लिया, जो मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा. क्योंकि संविधान में 50 फीसदी आरक्षण की ही व्यवस्था है, ऐसे में सरकार कल यानी मंगलवार को इस संबंध मे...

रेलवे में एयरपोर्ट जैसे नियम! ट्रेन से 20 मिनट पहले पहुंचना होगा स्टेशन

भारतीय रेलवे अब एयरपोर्ट की तरह सिक्योरिटी चैक की व्यवस्था करने जा रहा है. नई सुरक्षा व्यवस्था के तरह एयरपोर्ट की ही तरह स्टेशनों पर भी ट्रेनों के तय प्रस्थान समय से कुछ समय पहले प्रवेश की अनुमति बंद दी जा सकती है. साथ ही यात्रियों को सुरक्षा जांच की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 15 से 20 मिनट पहले पहुंचना होगा. हालांकि अभी तक यह व्यवस्था लागू नहीं की गई है. रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने पीटीआई को बताया कि उच्च तकनीक वाली इस सुरक्षा योजना को इस महीने शुरू हो रहे कुंभ मेला के मद्देनजर इलाहाबाद में और कर्नाटक के हुबली रेलवे स्टेशन पर पहले से ही शुरू कर दिया गया है. साथ ही 202 रेलवे स्टेशनों पर योजना को लागू करने के लिए खाका तैयार कर लिया गया है. उन्होंने बताया, 'योजना रेलवे स्टेशनों को सील करने की है. यह मुख्यत: प्रवेश बिंदुओं की पहचान करने और कितनों को बंद रखा जा सकता है यह निर्धारित करने के संबंध में है. कुछ इलाके हैं, जिन्हें स्थायी सीमा दीवारें बनाकर बंद कर दिया जाएगा, अन्य पर आरपीएफ कर्मियों की तैनाती होगी और उसके बाद बचे बिंदुओं पर बंद हो सकने वाले गेट होंगे. ...

किसानों को बड़े तोहफे की तैयारी में मोदी सरकार, हर महीने खाते में आ सकते हैं 4000 रुपए

चुनावी साल में मोदी सरकार किसानों पर फोकस कर रही है. जल्द ही किसानों के 'अच्छे दिन' आने वाले हैं.  नए साल में मोदी सरकार किसानों को बड़ा तोहफा दे सकती है. सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते PMO और नीति आयोग की बैठक हुई, जिसमें कृषि मंत्रालय ने प्रजेंटेशन दिया कि किस तरह देश के किसानों की स्थिति सुधारी जाए. सरकार चाहती है कि  किसान कर्जमाफी  की बजाय ऐसे विकल्प पर काम हो जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके. कृषि मंत्रालय ने इसके दो तरीके सुझाए हैं. पहला, किसानों को UBI यानी बेसिक यूनिवर्सल स्कीम की तर्ज पर सीधे खाते में मदद पहुंचाई जाए. दूसरा, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए किसानों को खेती की एडवांस रकम उनके खाते में दे दी जाए. लेकिन किसानों की रिलीफ के लिए कौन सा तरीका अपनाया जाएगा, ये तय करना अभी बाकी है.  हर महीने दिए जा सकते हैं 4000 रुपए सूत्रों के मुताबिक सरकार जो वैकल्पिक रणनीति बना रही है, उसमें हर महीने किसानों को 4000 रुपए प्रति एकड़ उनके खाते में देने का फैसला किया जा सकता है. दरअसल, ये तेलंगाना सरकार की एक स्कीम है जिसका नाम है 'तेलंगाना रा...

'दीनदयाल' के बाद कांग्रेस की नजर अब BJP सरकार के इन फैसलों पर

सरकारी दस्तावेजों से  बीजेपी  के विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के फोटो और लोगो हटाने के साथ ही  कांग्रेस की गहलोत सरकार  ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कई फैसलों को जहां बदल दिया है वहीं कुछ को बदलने के मूड में हैं. बीजेपी सरकार के अधिकतर फैसलों पर कांग्रेस पहले भी आपत्ति जता चुकी है. गहलोत सरकार ने शपथ लेने के तत्काल बाद ही बीजेपी सरकार के कुछ फैसलों को बदलने के संकेत दे दिए थे. मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही गहलोत सरकार ने  पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के अंतिम छह माह के कामकाज की समीक्षा कराने की घोषणा के साथ ही कुछ फैसलों को बदलने के लिए कैबिनेट की पहली बैठक में ही मुहर भी लगा दी थी. बाद में अब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, ऊर्जा व जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला और खाद्य मंत्री रमेशचंद्र मीणा की तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी गई. यह कमेटी बीजेपी सरकार के कामकाज की समीक्षा करेगी. अब बीजेपी सरकार के फैसलों को बदलने का सिलसिला शुरू हो चुका है. पुरानी सरकार के ये फैसले अब तक बदले जा चुके हैं - सरकारी दस्तावेजों से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की फोटो व लोगो हटाया. - पंचायत और ...