प्रधानमंत्री पद की ली शपथ मोदी लगातार दूसरी बार सत्ता के शिखर पर
नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही वह व्यक्ति के रूप में 14वें और देश के 16वें प्रधानमंत्री बन गए. उनके साथ ही मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली. दूसरे कार्यकाल में बीजेपी को पिछले लोकसभा चुनाव 2014 से भी ज्यादा सीटें मिलीं. इस बार बीजेपी को 303 सीटें मिलीं तो एनडीए की कुल सीटों ने साढ़े तीन सौ का आंकड़ा पार कर लिया.
पीएम मोदी ने इस बार के अपने कार्यकाल के लिए पहले वाले नारे में 'सबका विश्वास' जोड़ दिया है. अब बीजेपी नीत एनडीए का नारा है 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास''. अब जबकि उन्होंने देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है तो आइए जानते पीएम मोदी के अब तक के सफर के बारे में...
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से लेकर केंद्र की राजनीति में आने वाले नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने हर मैदान फ़तह करते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री के तौर पर न केवल अपनी दूसरी पारी का आग़ाज़ किया बल्कि पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद पूर्ण बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बन गए.
संघ प्रचारक के रूप में शुरू हुआ था सफर-
‘राष्ट्रवाद’ और ‘विकास’ के नारे के साथ अपने करिश्माई व्यक्तित्व से भगवा परचम लहराने वाले मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कई राज्यों में 50 फीसदी से अधिक वोट और 303 सीटें मिलीं जबकि 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी. आंकड़े गवाह हैं कि इस बार भाजपा ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा जैसे कई राज्यों में अपना मत प्रतिशत बढ़ाया है. निश्चित तौर पर इस पूरी जीत के केंद्र में मोदी रहे हैं.
राष्ट्रवाद और विकास के नारे के साथ बुलंद होते मोदी ने न केवल हिन्दी में बेबाक होकर अपनी बात रखी बल्कि चुनाव की महाभारत में अभिमन्यु के साथ साथ अर्जुन की भूमिका भी निभाई. करारे आरोपों प्रत्यारोपों के बाद जब जीत हासिल हुई तो मोदी ने कहा कि वह पुरानी बातें भूल कर ‘सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास’ के मूल मंत्र के साथ आगे बढ़ेंगे.
12 साल तक रहे गुजरात के मुख्यमंत्री
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से लेकर दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने तक मोदी का सफर लंबा और उतार-चढ़ाव भरा रहा. 2014 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी गुजरात में 12 साल तक मुख्यमंत्री रहे. साथ ही उन्होंने पार्टी में तमाम तरह की जिम्मेदारियां निभाईं. उनकी छवि विकास पुरुष और भाजपा के ऐसे कर्णधार की रही जिनकी वजह से भाजपा अपने दम पर 303 सीटें जीतने में सफल रही.
लोकतांत्रिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए मोदी पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद पूर्ण बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं. प्रधानमंत्री के रूप में पिछले कार्यकाल के दौरान मोदी की महत्वपूर्ण पहल जनधन योजना, डिजिटल इंडिया, आयुष्मान भारत, सभी को आवास, किसान सम्मान योजना, शौचालय एवं स्वच्छता अभियान आदि हैं. नोटबंदी और जीएसटी जैसे लिए गए उनके फैसले काफी अहम रहे हैं. हालांकि, विपक्ष ने इसका काफी विरोध भी किया.
उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक को मोदी सरकार के मजबूत फैसले के रूप में देखा गया. लोकसभा चुनाव में भी राष्ट्रीय सुरक्षा सहित एयर स्ट्राइक के मुद्दे को भाजपा ने सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर रखा. और नतीजा सामने है.
बचपन में एक्टिंग का था शौक17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में जन्मे मोदी के पिता का नाम दामोदर दास और मां का नाम हीराबेन है. बचपन में मोदी वडनगर स्टेशन पर अपने पिता और भाई किशोर के साथ रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे. स्कूल के दिनों में मोदी एक्टिंग, वाद-विवाद, नाटकों में भाग लेते और पुरस्कार जीतते थे. वह एनसीसी में भी शामिल हुए. अभिनय का शौक वह 1975 में आपातकाल के दिनों में भी काम आया जब मोदी सरदार का रूप धरकर कई महीनों तक पुलिस को छकाते रहे.
17 साल की उम्र में जुड़े थे संघ सेबचपन से ही संघ की तरफ झुकाव रखने वाले मोदी ने 1967 में 17 साल की उम्र में घर छोड़ दिया . अहमदाबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता लेने वाले मोदी बरसों बरस संघ के प्रचारक रहे. 1974 में वह नव-निर्माण आंदोलन में शामिल हुए. पढ़ाई जारी रही और मोदी ने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में एमए किया.
हिन्दी, अंग्रेजी और गुजराती भाषाओं के जानकार पीएम मोदी का भाजपा से परिचय संघ के जरिये हुआ. 1980 के दशक में वह गुजरात की भाजपा इकाई में शामिल हुए. 1988-89 में उन्हें भाजपा की गुजरात इकाई का महासचिव बनाया गया.
1990 में आडवाणी की रथयात्रा में थी अहम भूमिकालाल कृष्ण आडवाणी की 1990 की सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा के आयोजन में अहम भूमिका अदा करने के बाद 1995 में मोदी को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव और पांच राज्यों का पार्टी प्रभारी बनाया गया. समय के पाबंद मोदी को 1998 में महासचिव (संगठन) की जिम्मेदारी मिली और इस पद पर वह अक्टूबर 2001 तक रहे .
2001 में केशुभाई पटेल को हटा कर मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया और इस पद पर वह लगातार 2014 तक रहे. सितंबर 2014 में मोदी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया. इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा 282 सीट जीतने में सफल रही और केंद्र में राजग की सरकार बनी. इस बार ‘‘मोदी मोदी’’ के नारे के बीच यह संख्या बढ़ कर 303 हो गई.
पीएम मोदी को मिल चुके हैं कई अवॉर्डलोकसभा चुनाव के पहले पीएम मोदी को कई देशों से अवॉर्ड मिला-
ऑर्डर ऑफ द सेंट एंड्र्यू एपोस्टल
जायेद मेडल
फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियस सम्मान
मोदीनॉमिक्स के लिए सियोल शांति पुरस्कार
चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड 2018
ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन
आमिर अमानुल्लाह खान अवॉर्ड ऑफ अफगानिस्तान
किंग अब्दुल अजीज सैश अवॉर्ड
ये हैं केंद्रीय मंत्री:
*1. राजनाथ सिंह
2. अमित शाह
3. नितिन गडकरी*
*4. सदानंद गौड़ा
5. निर्मला सीतारमण
6. राम विलास पासवान
7. नरेंद्र सिंह तोमर
8. रवि शंकर प्रसाद
9. हरसिमरत कौर बादल
10. थावरचंद गहलोत
11. एस जयशंकर
12. रमेश पोखरियाल निशंक
13. अर्जुन मुंडा
14. स्मृति ईरानी
15. डॉक्टर हर्षवर्धन
16. प्रकाश जावड़ेकर
17. पीयूष गोयल
18. धर्मेंद्र प्रधान
19. मुख्तार अब्बास नकवी
20. प्रहलाद जोशी
21. महेन्द्रनाथ पांडे
22. अरविन्द सावंत
23. गिरिराज सिंह
24. गजेन्द्र सिंह शेखावत
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
1. संतोष कुमार गंगवार
2. राव इंद्रजीत सिंह
3. श्रीपद नाइक
4. डॉ जितेंद्र सिंह
5. आर के सिंह
6. किरन रिजिजू
7. प्रहलाद सिंह पटेल
8. हरदीप सिंह पुरी
9. मनसुख मंडाविया
ये हैं राज्य मंत्री:
1. फग्गन सिंह कुलस्ते
2. अश्विनी कुमार चौबे
3. अर्जुन राम मेघवाल
4. वीके सिंह
5. कृष्ण पाल गुर्जर
6. दानवे रावसाहब
7. किशन रेड्डी
8. पुरुषोत्तम रुपाला
9. रामदास आठवले
10. साध्वी निरंजन ज्योति
11. बाबुल सुप्रियो
12. संजीव कुमार बालियान
13. संजय श्यामराव
14. अनुराग सिंह ठाकुर
15. अंगदी सुरेश
16. नित्यानंद राय
17. रतन लाल कटारिया
18. वी मुरलीधरन
19. रेणुका सिंह
20. सोम प्रकाश
21. रामेश्वर तेली
22. प्रताप चंद्र सारंगी
23. कैलाश चौधरी
24. देबाश्री चौधरी
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पीएम मोदी ने इस बार के अपने कार्यकाल के लिए पहले वाले नारे में 'सबका विश्वास' जोड़ दिया है. अब बीजेपी नीत एनडीए का नारा है 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास''. अब जबकि उन्होंने देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है तो आइए जानते पीएम मोदी के अब तक के सफर के बारे में...
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से लेकर केंद्र की राजनीति में आने वाले नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने हर मैदान फ़तह करते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री के तौर पर न केवल अपनी दूसरी पारी का आग़ाज़ किया बल्कि पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद पूर्ण बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बन गए.
संघ प्रचारक के रूप में शुरू हुआ था सफर-
‘राष्ट्रवाद’ और ‘विकास’ के नारे के साथ अपने करिश्माई व्यक्तित्व से भगवा परचम लहराने वाले मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कई राज्यों में 50 फीसदी से अधिक वोट और 303 सीटें मिलीं जबकि 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी. आंकड़े गवाह हैं कि इस बार भाजपा ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा जैसे कई राज्यों में अपना मत प्रतिशत बढ़ाया है. निश्चित तौर पर इस पूरी जीत के केंद्र में मोदी रहे हैं.
राष्ट्रवाद और विकास के नारे के साथ बुलंद होते मोदी ने न केवल हिन्दी में बेबाक होकर अपनी बात रखी बल्कि चुनाव की महाभारत में अभिमन्यु के साथ साथ अर्जुन की भूमिका भी निभाई. करारे आरोपों प्रत्यारोपों के बाद जब जीत हासिल हुई तो मोदी ने कहा कि वह पुरानी बातें भूल कर ‘सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास’ के मूल मंत्र के साथ आगे बढ़ेंगे.
12 साल तक रहे गुजरात के मुख्यमंत्री
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से लेकर दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने तक मोदी का सफर लंबा और उतार-चढ़ाव भरा रहा. 2014 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी गुजरात में 12 साल तक मुख्यमंत्री रहे. साथ ही उन्होंने पार्टी में तमाम तरह की जिम्मेदारियां निभाईं. उनकी छवि विकास पुरुष और भाजपा के ऐसे कर्णधार की रही जिनकी वजह से भाजपा अपने दम पर 303 सीटें जीतने में सफल रही.
लोकतांत्रिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए मोदी पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद पूर्ण बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं. प्रधानमंत्री के रूप में पिछले कार्यकाल के दौरान मोदी की महत्वपूर्ण पहल जनधन योजना, डिजिटल इंडिया, आयुष्मान भारत, सभी को आवास, किसान सम्मान योजना, शौचालय एवं स्वच्छता अभियान आदि हैं. नोटबंदी और जीएसटी जैसे लिए गए उनके फैसले काफी अहम रहे हैं. हालांकि, विपक्ष ने इसका काफी विरोध भी किया.
उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक को मोदी सरकार के मजबूत फैसले के रूप में देखा गया. लोकसभा चुनाव में भी राष्ट्रीय सुरक्षा सहित एयर स्ट्राइक के मुद्दे को भाजपा ने सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर रखा. और नतीजा सामने है.
बचपन में एक्टिंग का था शौक17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में जन्मे मोदी के पिता का नाम दामोदर दास और मां का नाम हीराबेन है. बचपन में मोदी वडनगर स्टेशन पर अपने पिता और भाई किशोर के साथ रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे. स्कूल के दिनों में मोदी एक्टिंग, वाद-विवाद, नाटकों में भाग लेते और पुरस्कार जीतते थे. वह एनसीसी में भी शामिल हुए. अभिनय का शौक वह 1975 में आपातकाल के दिनों में भी काम आया जब मोदी सरदार का रूप धरकर कई महीनों तक पुलिस को छकाते रहे.
17 साल की उम्र में जुड़े थे संघ सेबचपन से ही संघ की तरफ झुकाव रखने वाले मोदी ने 1967 में 17 साल की उम्र में घर छोड़ दिया . अहमदाबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता लेने वाले मोदी बरसों बरस संघ के प्रचारक रहे. 1974 में वह नव-निर्माण आंदोलन में शामिल हुए. पढ़ाई जारी रही और मोदी ने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में एमए किया.
हिन्दी, अंग्रेजी और गुजराती भाषाओं के जानकार पीएम मोदी का भाजपा से परिचय संघ के जरिये हुआ. 1980 के दशक में वह गुजरात की भाजपा इकाई में शामिल हुए. 1988-89 में उन्हें भाजपा की गुजरात इकाई का महासचिव बनाया गया.
1990 में आडवाणी की रथयात्रा में थी अहम भूमिकालाल कृष्ण आडवाणी की 1990 की सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा के आयोजन में अहम भूमिका अदा करने के बाद 1995 में मोदी को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव और पांच राज्यों का पार्टी प्रभारी बनाया गया. समय के पाबंद मोदी को 1998 में महासचिव (संगठन) की जिम्मेदारी मिली और इस पद पर वह अक्टूबर 2001 तक रहे .
2001 में केशुभाई पटेल को हटा कर मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया और इस पद पर वह लगातार 2014 तक रहे. सितंबर 2014 में मोदी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया. इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा 282 सीट जीतने में सफल रही और केंद्र में राजग की सरकार बनी. इस बार ‘‘मोदी मोदी’’ के नारे के बीच यह संख्या बढ़ कर 303 हो गई.
पीएम मोदी को मिल चुके हैं कई अवॉर्डलोकसभा चुनाव के पहले पीएम मोदी को कई देशों से अवॉर्ड मिला-
ऑर्डर ऑफ द सेंट एंड्र्यू एपोस्टल
जायेद मेडल
फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियस सम्मान
मोदीनॉमिक्स के लिए सियोल शांति पुरस्कार
चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड 2018
ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन
आमिर अमानुल्लाह खान अवॉर्ड ऑफ अफगानिस्तान
किंग अब्दुल अजीज सैश अवॉर्ड
ये हैं केंद्रीय मंत्री:
*1. राजनाथ सिंह
2. अमित शाह
3. नितिन गडकरी*
*4. सदानंद गौड़ा
5. निर्मला सीतारमण
6. राम विलास पासवान
7. नरेंद्र सिंह तोमर
8. रवि शंकर प्रसाद
9. हरसिमरत कौर बादल
10. थावरचंद गहलोत
11. एस जयशंकर
12. रमेश पोखरियाल निशंक
13. अर्जुन मुंडा
14. स्मृति ईरानी
15. डॉक्टर हर्षवर्धन
16. प्रकाश जावड़ेकर
17. पीयूष गोयल
18. धर्मेंद्र प्रधान
19. मुख्तार अब्बास नकवी
20. प्रहलाद जोशी
21. महेन्द्रनाथ पांडे
22. अरविन्द सावंत
23. गिरिराज सिंह
24. गजेन्द्र सिंह शेखावत
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
1. संतोष कुमार गंगवार
2. राव इंद्रजीत सिंह
3. श्रीपद नाइक
4. डॉ जितेंद्र सिंह
5. आर के सिंह
6. किरन रिजिजू
7. प्रहलाद सिंह पटेल
8. हरदीप सिंह पुरी
9. मनसुख मंडाविया
ये हैं राज्य मंत्री:
1. फग्गन सिंह कुलस्ते
2. अश्विनी कुमार चौबे
3. अर्जुन राम मेघवाल
4. वीके सिंह
5. कृष्ण पाल गुर्जर
6. दानवे रावसाहब
7. किशन रेड्डी
8. पुरुषोत्तम रुपाला
9. रामदास आठवले
10. साध्वी निरंजन ज्योति
11. बाबुल सुप्रियो
12. संजीव कुमार बालियान
13. संजय श्यामराव
14. अनुराग सिंह ठाकुर
15. अंगदी सुरेश
16. नित्यानंद राय
17. रतन लाल कटारिया
18. वी मुरलीधरन
19. रेणुका सिंह
20. सोम प्रकाश
21. रामेश्वर तेली
22. प्रताप चंद्र सारंगी
23. कैलाश चौधरी
24. देबाश्री चौधरी
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