सरकार कल ला सकती है गुर्जर आरक्षण पर बिल
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में गुर्जर आरक्षण आंदोलन को लेकर हुई चर्चा के बाद अब बुधवार को विधानसभा में आरक्षण बिल लाया जा सकता है. मंत्रिपरिषद की बैठक में गुर्जर सहित 5 जातियों को 5% आरक्षण के किए विधानसभा में संकल्प और आरक्षण का बिल लाने पर विचार-विमर्श किया गया है. इससे पहले एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद खेल मंत्री अशोक चांदना बयान दिया था कि कल से राज्य में गुर्जर आंदोलन समाप्त हो जाएगा. इस बैठक को लेकर चांदना ने कहा कि गुर्जरों की मांगों के प्रति सरकार बेहद गंभीर है. उधर, गुर्जर आरक्षण आंदोलन के चलते राजस्थान यूनिवर्सिटी की 13 से 16 फरवरी के बीच होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं.
बता दें कि प्रदेश में गुर्जर समाज 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को पांचवें दिन भी पटरी पर बैठा है. सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर से शुक्रवार को शुरू हुआ गुर्जर आंदोलन अब पांच जिलों तक फैल गया है. रेल पटरी से शुरुआत के बाद इस आंदोलन में अब गुर्जरों ने हाईवे पर जाम लगाना शुरू कर दिया है. सोमवार को प्रदेश में 10 हाईवे और करीब दो दर्जन स्थानों पर गुर्जरों ने जाम लगा दिया. उधर, दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पूरी तरह से ठप्प हो गया है. करीब दो दर्जन ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं और सैकड़ों रोडवेज बसों के पहिए थमे हुए हैं. प्रशासन ने एहतियातन कई इलाकों में गुर्जर पड़ाव के आसपास के क्षेत्र में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया है.
राजस्थान में पिछले एक दशक से भी अधिक समय से गुर्जर आरक्षण आंदोलन समय-समय पर सरकारों की धड़कनें बढ़ाता रहा है. आरक्षण की इस लड़ाई की अगुवाई करने वालों में सबसे बड़ा नाम है कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला. एक बार फिर बैंसला की अगुवाई वाला गुर्जरों का आंदोलन शुरू हो गया है.
दरअसल, पिछली बार वसुंधरा सरकार ने गजट नोटिफिकेशन निकालते हुए गुर्जर समाज की मांगे मान ली थी लेकिन इससे आरक्षण का आंकड़ा 50 फिसदी ऊपर चला गया. कोर्ट ने सरकार के इस गजट नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी थी और फिर से गुर्जर आरक्षण की मांग उठने लगी.
गुर्जर आरक्षण आंदोलन का मंगलवार को पांचवा दिन है. इस आंदोलन की वजह से मुसाफिर खासे परेशान हैं. यात्री परिवहन बसों और रेलगाड़ियों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है. रेलवे जोन में सबसे ज्यादा प्रभावित WCR हुआ है, लेकिन इसका असर NWR पर भी पड़ा है.
NWR पिछले पांच दिनों में 40 से ज्यादा रेलें डायवर्ट कर चुका है और करीब 10 ट्रेनें रद्द कर चुका है. वहीं WCR का कोटा मंडल 110 ट्रेनें कैंसिल, 26 आंशिक कैंसिल और 81 डाइवर्ट की जा चुकी है. ऐसे हालात का सबसे ज्यादा फायदा उठाने की कोशिश कर रही है एयरलाइंस कंपनियां. ये कंपनियां यात्रियों से मुंह मांगे पैसे वसूल रही हैं. अचानक से इनकी कीमतों में दोगुने से ज्यादा की वृद्धि हो गई है.
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.nagraj.bhinmalcity
https://www.facebook.com/bhinmalcity
बता दें कि प्रदेश में गुर्जर समाज 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को पांचवें दिन भी पटरी पर बैठा है. सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर से शुक्रवार को शुरू हुआ गुर्जर आंदोलन अब पांच जिलों तक फैल गया है. रेल पटरी से शुरुआत के बाद इस आंदोलन में अब गुर्जरों ने हाईवे पर जाम लगाना शुरू कर दिया है. सोमवार को प्रदेश में 10 हाईवे और करीब दो दर्जन स्थानों पर गुर्जरों ने जाम लगा दिया. उधर, दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पूरी तरह से ठप्प हो गया है. करीब दो दर्जन ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं और सैकड़ों रोडवेज बसों के पहिए थमे हुए हैं. प्रशासन ने एहतियातन कई इलाकों में गुर्जर पड़ाव के आसपास के क्षेत्र में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया है.
राजस्थान में पिछले एक दशक से भी अधिक समय से गुर्जर आरक्षण आंदोलन समय-समय पर सरकारों की धड़कनें बढ़ाता रहा है. आरक्षण की इस लड़ाई की अगुवाई करने वालों में सबसे बड़ा नाम है कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला. एक बार फिर बैंसला की अगुवाई वाला गुर्जरों का आंदोलन शुरू हो गया है.
दरअसल, पिछली बार वसुंधरा सरकार ने गजट नोटिफिकेशन निकालते हुए गुर्जर समाज की मांगे मान ली थी लेकिन इससे आरक्षण का आंकड़ा 50 फिसदी ऊपर चला गया. कोर्ट ने सरकार के इस गजट नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी थी और फिर से गुर्जर आरक्षण की मांग उठने लगी.
गुर्जर आरक्षण आंदोलन का मंगलवार को पांचवा दिन है. इस आंदोलन की वजह से मुसाफिर खासे परेशान हैं. यात्री परिवहन बसों और रेलगाड़ियों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है. रेलवे जोन में सबसे ज्यादा प्रभावित WCR हुआ है, लेकिन इसका असर NWR पर भी पड़ा है.
NWR पिछले पांच दिनों में 40 से ज्यादा रेलें डायवर्ट कर चुका है और करीब 10 ट्रेनें रद्द कर चुका है. वहीं WCR का कोटा मंडल 110 ट्रेनें कैंसिल, 26 आंशिक कैंसिल और 81 डाइवर्ट की जा चुकी है. ऐसे हालात का सबसे ज्यादा फायदा उठाने की कोशिश कर रही है एयरलाइंस कंपनियां. ये कंपनियां यात्रियों से मुंह मांगे पैसे वसूल रही हैं. अचानक से इनकी कीमतों में दोगुने से ज्यादा की वृद्धि हो गई है.
11 से 16 फरवरी के बीच किराए में बेतहाशा वृद्धि
गुर्जर आंदोलनकारी दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में महापड़ाव डाले हुए हैं. इससे जयपुर-बयाना और सवाईमाधोपुर होकर गुजरने वाली रेलगाड़ियां ठप हैं और लोग अपने जरूरी काम से अलग अलग शहरों में पहुंचना चाहते हैं. लिहाजा वो अब फ्लाइट का सहारा ले रहे हैं. एयरलाइंस कंपनियां तो मानो इसी का इतज़ार कर रही थी. अचानक से सभी एयरलाइंस कंपनियों ने अपनी टिकटों के दाम बढ़ा दिए और 11 से 16 फरवरी के बीच किराए में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है.
नियम कायदे रखे ताक पर
ऐसा नहीं है कि एयरलाइंस कपंनियों के नियम नहीं बने हुए हैं. नियम कायदे होने के बावजूद ये एयरलाइंस कंपनियां उनको ताक पर रखकर यात्रियों से मुंह मांगें दाम वसूल रही है. इसमें जयपुर से उड़ान भरने वाली सभी एयरलाइंस कंपनियां शामिल हैं. वेबसाइट पर जाकर आप यात्रा की तारीख पर क्लिक करते है तो जो किराया 3 या 4 हज़ार से शुरू होता है वो यात्रा की तारीख वाले दिन अचानक दो से तीन गुणा बढ़ जाता है.
यात्रियों की मजबूरी बनी चांदी कूटने का जरिया
ऐसे में अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यात्रियों की मजबूरी एयरलाइंस कंपनियों के लिए चांदी कूटने का जरिया साबित हो रही है. लेकिन यात्री के पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है कि वो जाए तो जाए कहां. क्योंकि राजमार्ग जाम है तो वो बस में बैठ नहीं सकता. पटरियों पर आरक्षण का मसौदा तय हो रहा है. लिहाजा वो ट्रेन से भी गुजर नहीं सकता. ऐसे में वो उड़कर ही जा सकता है, लेकिन इस उड़ान की उसे भारी कीमत अदा करनी पड़ रही है.
<<<<<- like page and app ->>>>>
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.nagraj.bhinmalcity
https://www.facebook.com/bhinmalcity
Whats Number : 9509193941
Comments
Post a Comment