गहलोत को मिली राजस्थान सीएम की कमान, पायलट बने डिप्टी सीएम
जयपुर :-
विधानसभा चुनाव 2018 सम्पन्न हो चुका है। राजस्थान विधानसभा चुनावों में जबरदस्त प्रदर्शन के बाद कांग्रेस पूरी तरह से सत्ता ने आ गई है। सत्ता में आने के साथ ही लंबे सियासी ड्रामे के बाद प्रदेश में सीएम पद को लेकर तस्वीर भी साफ़ हो गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री का साफा आख़िरकार गहलोत के सिर बंधा है। वहीं पायलट को डिप्टी सीएम बनाया गया है।
मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी रायशुमारी के लिए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बुधवार को कांग्रेस ने जीते हुए सभी विधायकों की बैठक के बीच इस अहम फैसले पर चर्चा की थी। बैठक में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर एक-एक विधायक से उनकी राय ली गई।
सियासी जानकारों की मानें तो राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में सचिन पायलट शुरू से ही कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी की पहली पसंद माने जा रहे थे। वहीं गहलोत नेहरू-गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे है, ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत को ही बनाया गया।
राजस्थान की राजनीति में पायलट का 'सियासी कदम'
कांग्रेस नेता सचिन पायलट का जन्म 7 सितंबर 1977 को उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में हुआ। पायलट चौदहवीं लोकसभा में राजस्थान के दौसा लोकसभा क्षेत्र के सांसद रहे। सन 2004 को पायलट चौदहवीं लोकसभा के लिए दौसा सीट से चुने गए। 26 साल की उम्र में सचिन सबसे युवा सांसद की श्रेणी में शामिल हुए।
सचिन पायलट गुर्जर समुदाय से हैं। उनके पिता स्वर्गीय राजेश पायलट थे जो कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और किसान नेता में से थे। पायलट की प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल में हुई। उन्होंने अपने स्नातक की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस महाविद्यालय से हासिल की। इसके बाद पायलट ने अमरीका स्थित पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय के व्हॉर्टन स्कूल से एमबीए की डिग्री भी हासिल की। भारत लौटने पर सन 2002 में अपने पिता के जन्मदिन 10 फरवरी को सचिन कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए।
पायलट पहली बार दौसा जिले से सांसद रहे, और दूसरी बार अजमेर जिले से सांसद चुने गए। वर्तमान में हुए विधानसभा चुनाव 2018 में पायलट ने प्रदेश की टोंक सीट से विधायक का चुनाव लड़ा और बीजेपी के यूनुस खान को हराया। पायलट के नाम राजस्थान में सबसे युवा सांसद होने का रिकॉर्ड भी है।
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सियासी जानकारों की मानें तो राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में सचिन पायलट शुरू से ही कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी की पहली पसंद माने जा रहे थे। वहीं गहलोत नेहरू-गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे है, ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत को ही बनाया गया।
राजस्थान की राजनीति में पायलट का 'सियासी कदम'
कांग्रेस नेता सचिन पायलट का जन्म 7 सितंबर 1977 को उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में हुआ। पायलट चौदहवीं लोकसभा में राजस्थान के दौसा लोकसभा क्षेत्र के सांसद रहे। सन 2004 को पायलट चौदहवीं लोकसभा के लिए दौसा सीट से चुने गए। 26 साल की उम्र में सचिन सबसे युवा सांसद की श्रेणी में शामिल हुए।
सचिन पायलट गुर्जर समुदाय से हैं। उनके पिता स्वर्गीय राजेश पायलट थे जो कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और किसान नेता में से थे। पायलट की प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल में हुई। उन्होंने अपने स्नातक की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस महाविद्यालय से हासिल की। इसके बाद पायलट ने अमरीका स्थित पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय के व्हॉर्टन स्कूल से एमबीए की डिग्री भी हासिल की। भारत लौटने पर सन 2002 में अपने पिता के जन्मदिन 10 फरवरी को सचिन कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए।
पायलट पहली बार दौसा जिले से सांसद रहे, और दूसरी बार अजमेर जिले से सांसद चुने गए। वर्तमान में हुए विधानसभा चुनाव 2018 में पायलट ने प्रदेश की टोंक सीट से विधायक का चुनाव लड़ा और बीजेपी के यूनुस खान को हराया। पायलट के नाम राजस्थान में सबसे युवा सांसद होने का रिकॉर्ड भी है।
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