भीनमाल उपखंड क्षेत्र में कृषि पर्यवेक्षक के 117 में से 101 पद लंबे समय से रिक्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां देश के किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं लाते रहते है, लेकिन राज्य सरकार को शायद किसानों से इतना लगाव नहीं है। इसी कारण कृषि विस्तार के सहायक निदेशक अधिकारी के अधीनस्थ 117 में से वर्तमान में मात्र 16 पदों पर ही कृषि पर्यवेक्षक कार्यरत है। कृषि पर्यवेक्षक के 101 पद पिछले कई सालों से रिक्त होने से किसानों को केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। फसलों में लगने वाली बीमारियों की समय-समय पर जांच करने के साथ उसकी रोकथाम के लिए ऐसी स्थिति में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए फसलों में खराबी की निगरानी, बीमारियों पर काबू पाने के अलावा समय-समय पर आयोजित बैठकों में भाग लेना पड़ता है। ऐसे में किसानों को स्वयं के स्तर पर कृषि संबंधी जानकारी जुटाकर खेती करने को मजबूर है।
भीनमाल कृषि विस्तार कार्यालय के अधीन आने वालों गांवों में कृषि पर्यवेक्षक के ११७ में से १०१ पद रिक्त
यह पद चल रहे रिक्त
सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) भीनमाल कार्यालय के अधीन चितलवाना, सांचौर, रानीवाड़ा, जसवंतपुरा, बागोड़ा भीनमाल तहसील तथा रामसीन उप तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गांव ढाणियां आती हैं। प्रत्येक तहसील पर चार कृषि अधिकारी के पद स्वीकृत है लेकिन सभी तहसीलों पर चारों पद पिछले कई वर्षों से रिक्त ही चल रहे है। पांच तहसीलों पर कृषि पर्यवेक्षक के ११७ पद स्वीकृत है लेकिन इसमें से केवल १६ पदों पर ही कृषि पर्यवेक्षक कार्यरत है बाकी १०१ पद खाली चल रहे है। इसी तरह सहायक निदेशक कार्यालय में भी कई पद रिक्त चल रहे है जिसमें सहायक निदेशक, कृषि अधिकारी, सहायक अधिकारी, सूचना सहायक के पद रिक्त है। कार्यालय में वर्तमान में एक अधिकारी व तीन कर्मचारी ही कार्यरत है। ऐसे में कृषि संबंधी कई कार्य समय पर पूरे नहीं हो पा रहे है।
किसानों तक नहीं पहुंच पाती जानकारी
प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति होना जरुरी हैं। मगर इसके अधीनस्थ १०१ कृषि पर्यवेक्षकों के पद रिक्त होने से प्रत्येक पर्यवेक्षक को एक से ज्यादा ग्राम पंचायतों का जिम्मा है। मात्र १६ कृषि पर्यवेक्षकों द्वारा अधीनस्थ तहसीलों के सभी गांवों में कृषि संबंधी जानकारी किसानों तक पहुंचाना संभव नहीं है। इधर कार्यालय अधीनस्थ रामसीन उप तहसील से चितलवाना तहसील का अंतिम गांव करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लंबे-चौड़े क्षेत्र में आने जाने विभाग की ओर से किसानों को आवंटित बीज ग्राम पंचायत मुख्यालय तक पहुंचाने के लिए विभाग के पास वाहन सुविधा भी नहीं है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
क्या कहते है किसान
कृषि पर्यवेक्षक का पद रिक्त होने से केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के लिए संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी हम तक नहीं पहुंच पाती है। फसलों संबंधी जानकारी नहीं मिल पाने की वजह से हम आधुनिक तरीके से खेती नहीं कर पाते है। अगर सरकार इन पदों को भरकर कृषि पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करें तो किसानों को जरूर फायदा मिलेगा। -सांवलाराम सुथार, किसान मिंडावास
क्या कहते है अधिकारी
वर्तमान में कृषि विस्तार कार्यालय क्षेत्र के अधीन आने वाले विभिन्न गांवों में कृषि पर्यवेक्षक के १०१ पद खाली पड़े है। कार्यालय में भी मात्र तीन कर्मचारी कार्यरत है ऐसे में विभिन्न योजनाओं को जल्द किसानों तक पहुंचाना हमारे लिए चुनौती बन गया है। -
भीनमाल कृषि विस्तार कार्यालय के अधीन आने वालों गांवों में कृषि पर्यवेक्षक के ११७ में से १०१ पद रिक्त
यह पद चल रहे रिक्त
सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) भीनमाल कार्यालय के अधीन चितलवाना, सांचौर, रानीवाड़ा, जसवंतपुरा, बागोड़ा भीनमाल तहसील तथा रामसीन उप तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गांव ढाणियां आती हैं। प्रत्येक तहसील पर चार कृषि अधिकारी के पद स्वीकृत है लेकिन सभी तहसीलों पर चारों पद पिछले कई वर्षों से रिक्त ही चल रहे है। पांच तहसीलों पर कृषि पर्यवेक्षक के ११७ पद स्वीकृत है लेकिन इसमें से केवल १६ पदों पर ही कृषि पर्यवेक्षक कार्यरत है बाकी १०१ पद खाली चल रहे है। इसी तरह सहायक निदेशक कार्यालय में भी कई पद रिक्त चल रहे है जिसमें सहायक निदेशक, कृषि अधिकारी, सहायक अधिकारी, सूचना सहायक के पद रिक्त है। कार्यालय में वर्तमान में एक अधिकारी व तीन कर्मचारी ही कार्यरत है। ऐसे में कृषि संबंधी कई कार्य समय पर पूरे नहीं हो पा रहे है।
किसानों तक नहीं पहुंच पाती जानकारी
प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति होना जरुरी हैं। मगर इसके अधीनस्थ १०१ कृषि पर्यवेक्षकों के पद रिक्त होने से प्रत्येक पर्यवेक्षक को एक से ज्यादा ग्राम पंचायतों का जिम्मा है। मात्र १६ कृषि पर्यवेक्षकों द्वारा अधीनस्थ तहसीलों के सभी गांवों में कृषि संबंधी जानकारी किसानों तक पहुंचाना संभव नहीं है। इधर कार्यालय अधीनस्थ रामसीन उप तहसील से चितलवाना तहसील का अंतिम गांव करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लंबे-चौड़े क्षेत्र में आने जाने विभाग की ओर से किसानों को आवंटित बीज ग्राम पंचायत मुख्यालय तक पहुंचाने के लिए विभाग के पास वाहन सुविधा भी नहीं है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
क्या कहते है किसान
कृषि पर्यवेक्षक का पद रिक्त होने से केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के लिए संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी हम तक नहीं पहुंच पाती है। फसलों संबंधी जानकारी नहीं मिल पाने की वजह से हम आधुनिक तरीके से खेती नहीं कर पाते है। अगर सरकार इन पदों को भरकर कृषि पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करें तो किसानों को जरूर फायदा मिलेगा। -सांवलाराम सुथार, किसान मिंडावास
क्या कहते है अधिकारी
वर्तमान में कृषि विस्तार कार्यालय क्षेत्र के अधीन आने वाले विभिन्न गांवों में कृषि पर्यवेक्षक के १०१ पद खाली पड़े है। कार्यालय में भी मात्र तीन कर्मचारी कार्यरत है ऐसे में विभिन्न योजनाओं को जल्द किसानों तक पहुंचाना हमारे लिए चुनौती बन गया है। -
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