श्री बाफनावाड़ी जैन तीर्थ भीनमाल
भीनमाल के वर्तमान और जाज्वल्यमान इतिहास की श्रंखलायें इस पेज के माध्यम से जारी है। आज बात करते है श्री "बाफना वाड़ी जैन तीर्थ" (भीनमाल)) की।
भीनमाल के जैन समाज के समस्त बाफना गोत्रिय परिवार की प्रतिनिधि संस्था बाफना रिसर्च सेंटर एवं कल्चरल सोसाइटी द्वारा श्री बाफनावाड़ी जैन तीर्थ (BafnaWadi) का निर्माण सन् 2004 से 2006 के बीच में करवाया गया।
लगभग 5 एकड़ क्षेत्र में फैला श्री बाफनावाड़ी जैन तीर्थ भीनमाल (Bhinmal) शहर से 5 किलोमीटर की दुरी पर शहरी कोलाहल से दूर शांत प्राकर्तिक वातावरण में मुख्य मार्ग -रानीवाड़ा रोड (भीनमाल - अहमदाबाद मार्ग) पर स्थित है।
बाफनावाड़ी जैन तीर्थ की ओपचारिक स्थापना लगभग 9 वर्ष पूर्व सन् 2006 में हुई थी। इस तीर्थ के भगवान महावीर जिनालय - राजेन्द्र सुरि गुरु मंदिर आदि की प्रतिष्ठा-अंजनशालाका सौधर्म वृहत् तपगच्छिय त्रिस्तुतिक संघ के वर्तमान आचार्य श्रीमद्विजय जयानंद सुरिश्वरजी के कर-कमलो हुई थी।
श्री बाफनावाड़ी तीर्थ संकुल में भीनमाल के समस्त बाफना गोत्रिय परिवारों का लगभग 200 वर्षो का इतिहास - वंशावली वृक्ष के रूप में काले ग्रेनाइट के पत्थर पर स्वर्णाक्षर से उत्कीर्ण कर भविष्य के लिए सुरक्षित किया गया है।
इस तीर्थ संकुल में जैन धर्म के चौबीसवे तीर्थंकर भगवान् श्री महावीरस्वामी, बीसवी सदी के महान संत जैन आचार्य गुरुदेव श्रीमद् राजेन्द्रसूरि जी तथा समस्त जैन ओसवालों और बाफना परिवार की कुलदेवी सच्चियाय माताजी (ओसिया माता ) के अलग-अलग मंदिर कृत्रिम तौर पर बनाई गई एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है।
प्रतिवर्ष भारतीय कैलेंडर के अनुसार माघ/माह सुदि ३ को इस तीर्थ संकुल के सभी मंदिरों की वर्षगाठ पर नूतन ध्वजारोहण सहित विभिन्न कार्यक्रम होते है। बाफना गोत्रिय परिवारों और जैन समाज के अलावा गुजरात आदि कई प्रान्तों से प्रतिवर्ष सैकड़ो यात्री यहाँ दर्शनार्थ आते है।
इस तीर्थ संकुल में विशाल व्यख्यान हॉल के अतिरिक्त साधू-साध्वी भगवन्तो के अलग अलग उपाश्रय, यात्रियों के ठहरने की समुचित व्यवस्था के लिए 2 आधुनिक धर्मशालाएं, एक भोजनशाला है, पक्षी चण घर एवं बगीचा - गार्डन आदि भी है।
श्री बाफना वाड़ी जैन तीर्थ (भीनमाल) गूगल मैप लिंक :
Comments
Post a Comment